राज्य में हर भूमि के लिए एक खास यूनिक आईडी (विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या) देने की तैयारी चल रही है। इस यूनिक आईडी के जरिए ही भूमि की पूरी कुंडली मिल जाएगी। राजस्व विभाग ने तीन हजार गांव में यह काम पूरा भी कर लिया है, दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सामान्य तौर पर भूमि के बारे में खसरा- खतौनी से पता चलता है। अब राजस्व विभाग हर भूमि को एक खास यूनिक आईडी देने की तैयारी कर रहा है। इस योजना को केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें प्रत्येक भूमि का एक नंबर मिलेगा, भूमि कहां पर है, उसके देशांतर और अक्षांश निर्देशांक, भूस्वामी की डिटेल आदि भी मिल सकेगी।
