यमुनोत्री धाम में पैदल यात्रा पर जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। इसका मकसद है तीर्थयात्रियों की सुचारू, सुरक्षित और शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करना। वाणिज्यक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया गया है।प्रशासन ने घोड़ों और खच्चरों की अधिकतम संख्या को 800 तय किया है। इनकी आवाजाही का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक है।
प्रत्येक घोड़े–खच्चर के प्रस्थान, दर्शन, और वापसी के लिए पांच घंटे की समयावधि निर्धारित की गई है। यात्रा मार्ग पर पांच घंटे से अधिक समय तक कोई भी घोड़–खच्चर नहीं रहेगा।यमुनोत्री धाम की यात्रा को सुगम बनाने के लिए नई व्यवस्था की गई है। अब घोड़ा–खच्चर और डंडी–कंडी से यात्रा करने वाले यात्रियों को एक घंटे में दर्शन कर वापस लौटना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है।
तो संचालक बिना यात्री को अपने साथ लिए ही वापस आ जाएंगे। घोड़े–खच्चरों का संचालन प्रीपेड काउंटर से होगा, जहां पर्ची काटी जाएगी और भुगतान भी किया जाएगा।
यात्रियों को इसकी जानकारी लाउडस्पीकर से दी जाएगी।जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम आने–जाने वाली डंडी–कंडी की अधिकतम संख्या को भी तय किया गया है, जो कि एक दिन में 300 होगी। इनके आवागमन का समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक है।