प्रदेश में सख्त नकलरोधी कानून से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग की भर्तियों पर युवाओं का भरोसा बढ़ने लगा है। भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया सक्रिय होने और पेपर लीक से सरकारी नौकरियों में चयन को लेकर युवाओं का विश्वास टूट गया था। लेकिन राज्य में नकलरोधी कानून लागू होने के बाद भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी थमीं है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग की कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने पर प्रदेश सरकार चयन प्रक्रिया और भर्ती रद्द करनी पड़ी है। नकल माफिया सक्रिय होने पर प्रदेश सरकार ने देश भर में सबसे सख्त नकलरोधी कानून लागू किया। जिसमें पेपर लीक की घटना रोकने के लिए सख्त उम्र कैद या 10 साल कैद की सजा का प्रावधान किया।
साथ ही छात्रों ने बातचीत में इस प्रकार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद किया । उन्होंने कहा, मैं आयुश जोशी वर्तमान में अल्मोड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हूं। मेरा वित्त अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करना चाहूंगी, जिनकी पहल पर नकल विरोधी कानून लाया गया। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ी है।
मैं दीप्ति कैड़ा हूं मेरा चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। मैं बीटेक की छात्रा रही हूं। सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आए। इस कानून के लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है। परीक्षा की तैयारी में जुटे सभी अभ्यर्थियों को निश्चिंत होकर मेहनत के साथ पढ़ाई में जुट जाना चाहिए।
मेरी नाम अलकेश नौडियाल है। पीसीएस परीक्षा में मेरा चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। नकलरोधी कानून के बाद प्रतियोगी परीक्षाएं त्वरित व पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। इस कानून ने पात्र व योग्य अभ्यर्थियों को सफल होने की गारंटी दी है। चाहे वह किसी भी जाति या वर्ग का हो या गरीब व अमीर वर्ग का हो।