भराड़ीसैंण विधानसभा से सरकार गिराने की साजिश का बयानी तीर बाहर आने के बाद राजनीति के महारथियों की प्रत्यंचा से अलग-अलग बाण छूटने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने मामले काे गंभीर बताते हुए जांच की मांग उठाई तो उनके समर्थन में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मैदान में उतर गए।
शुक्रवार को इसी बयान पर खानपुर के विधायक उमेश कुमार ने अपने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी। पहले डॉ. निशंक फिर हरीश रावत और उनके बाद त्रिवेंद्र की जुबां से निकले बयानी तीर अब निजी हमलों में बदल गए हैं।
पूर्व सीएम ने उमेश का नाम लिए बगैर उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न किया तो उमेश ने भी त्रिवेंद्र सरकार में गुप्ता बंधुओं को सुरक्षा देने, उनके बेटे की औली में शादी करने समेत कुछ और मुद्दों को लेकर सवालों के तीर छोड़ दिए। इतना ही नहीं उन्होंने अपने फेसबुक पर एक पुराना स्टिंग भी जारी कर दिया।
इस बयानी तकरार के बीच विधायक उमेश कुमार का लिखा एक पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष को लिखा था। पत्र में उमेश ने समूह ग की परीक्षा में गढ़वाली और कुमाऊंनी के प्रश्नों को लेकर देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के अभ्यर्थियों की परेशानी का जिक्र किया था।
सोशल मीडिया पर उमेश ने इस पत्र को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान शुक्रवार को ही पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी विधानसभा अध्यक्ष से सरकार गिराने की साजिश वाले मामले की जांच के लिए एक सर्वदलीय समिति बनाने का अनुरोध कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी फेसबुक पर लिखा, अनुभवी सुपारी किलर के रहस्योद्घाटन, मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी के बाद अब दो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. निशंक और त्रिवेंद्र उस षड्यंत्र की आग जहां जल रही है, उसके निकट तक पहुंच चुके हैं। जिसमें विपक्ष को भी शामिल किया जाना चाहिए। सदन में कहा है तो केवल खुफिया एजेंसियों पर क्यों निर्भर रहा जाए! जैसा मुख्यमंत्री जी ने कहा है। स्पीकर महोदया बकअप! दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने ललकारा है। मैं भी आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि एक कमेटी गठित करिए।