अध्यापकों को समाज का आधार माना जाता है। शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें ज्ञान देते हैं और हमारे चरित्र को आकार देते हैं। हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं। शिक्षकों के बिना हमारा समाज और देश आगे नहीं बढ़ सकता। उनके सम्मान में हर साल पांच सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करना और उनके महत्व को पहचानना है। ऐसे ही आज हम आपको उन शिक्षकों से रूबरू कराएंगे जिनके पढ़ाए हुए छात्र आज राजनीति में बड़े मुकाम के साथ ही उत्तराखंड सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हैं।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल कक्षा के सबसे अधिक सक्रिय छात्र होने के साथ सबसे नटखट थे। यह कहना है उनके शिक्षक राम सिंह गुसाईं का। मंत्री उनियाल साल 1974-75 में राजकीय इंटर कॉलेज नरेंद्र नगर में उनके शिष्य रहे। मंत्री उनियाल मंत्री बनने के बाद आपका काम करते हैं या नहीं वाले सवाल पर उन्होंने कहा, नेता किसी काम के लिए मना नहीं करते। होने वाला काम होता है तो वह कर देते हैं। नहीं होने वाले काम के लिए भी हां कर देते हैं।
स्कूल के दिनों का किस्सा साझा करते हुए दून के मोथराेवाला निवासी राम सिंह गुसाईं ने बताया, मंत्री उनियाल कक्षा में अपने साथी का चश्मा निकाल देते थे, ताकि उसे बोर्ड पर लिखा दिखाई न दें। जिसके चलते उन्हें कई बार मार भी पड़ती थी। हालांकि उन्होंने उस पिटाई पर कभी नाराजगी नहीं जताई। मंत्री बनने के बाद मिलने वाले सवाल पर उन्होंने कहा, अक्सर उनसे किसी समारोह और कार्यक्रम में मुलाकात होती है। वह हमेशा एक शिष्य की ही तरह मिलते हैं। 78 वर्षीय शिक्षक राम सिंह गुसाईं अपने परिवार के साथ दून में रहते हैं।