उत्तराखंड बीते कुछ समय से तेजी से सशक्त भू–कानून लागू करने की मांग उठ रही है। लेकिन अब भूमि बंदोबस्त करने की आवाज भी उठने लगी है। साल 1962 के बाद से अब तक उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त नहीं हो पाया है। इसको लेकर अब पूर्व सीएम कोश्यारी का बड़ा बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि भू–कानून से ज्यादा जरूरी प्रदेश के लिए भूमि बंदोबस्त है।उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक संरचना इतनी विषम है कि यहां पर किसी भी कानून को लागू करने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही एक कड़े कानून को लागू करने के लिए इन दिनों राज्य के लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। राज्य में सशक्त भू–कानून की मांग हो रही है। राज्य के भीतर लोग पड़ोसी राज्य हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू–कानून की मांग कर रहे हैं। इसी बीच पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में भू–कानून से भूमि बंदोबस्त ज्यादा जरूरी है।
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