उत्तराखंड लोकायुक्त के गठन का पिछले 12 सालों से इंतजार कर रहा है. हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे वक्त के बाद भी अब तक लोकायुक्त गठन की बात लोकायुक्त चयन समिति पर ही अटकी हुई है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकायुक्त समिति की बैठक ली. इस बैठक में लोकायुक्त चयन समिति के सदस्यों को लेकर चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि अब अगली बैठक मार्च में की जाएगी. जिसमें अधिकारियों का चयन समिति के सदस्यों के लिए पैनल तैयार किया जाएगा. दरअसल राज्य में लोकायुक्त पद के लिए योग्यता का निर्धारण होना है, साथ ही सर्च कमेटी भी तय की जानी है.
इस मामले पर कांग्रेस आक्रामक रूप में दिखाई देती है. पार्टी का मानना है कि जब केंद्र में यूपीए सरकार थी, तब इस मामले पर अन्ना हजारे समेत तमाम लोगों ने खूब हल्ला किया. लेकिन अब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है.हाल ही में CAG रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने की बात कहते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा कहते हैं कि आज लोकायुक्त की बेहद ज्यादा जरूरत है और इसका गठन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए.
हालांकि उत्तराखंड में लोकायुक्त का कार्यालय 2002 में लोकायुक्त गठन के बाद से ही संचालित किया जा रहा है. जिसमें तमाम कर्मचारियों की भी नियुक्ति की गई है. हालांकि 12 साल से लोकायुक्त का गठन नहीं होने के कारण यह दफ्तर भी बिना काम के ही नए लोकायुक्त का इंतजार कर रहा है. बड़ी बात यह है कि बड़ी संख्या में इस कार्यालय में तमाम शिकायतें पहुंच रही हैं, लेकिन लोकायुक्त ना होने से इन पर विचार होना संभव नहीं है.
इन तमाम स्थितियों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में लोकायुक्त समिति की बैठक होना इसको लेकर नई उम्मीद जाग रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में यूसीसी कानून लाने से लेकर भू कानून लाने को लेकर पहल करते दिखाई दिए हैं. ऐसे में लोकायुक्त गठन को लेकर उनकी तरफ से पहल की भी आस दिखाई दे रही है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता खजान दास कहते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो ठान लेते हैं, वह करके रहते हैं. भ्रष्टाचार को लेकर सरकार का एजेंडा साफ रहा है, सरकार जल्द से जल्द नियमों के तहत लोकायुक्त गठन पर कदम बढ़ाएगी.
