कुमाऊं के जंगल आग से धधक रहे वायुसेना के बाद अब NDRF ने संभाल मोर्चा।

नैनीताल- उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने काफी विकराल रूप ले लिया है। वहीं वन विभाग के प्रयासों के बावजूद आग विकराल रूप ले रही है। जिससे जंगल और जीवन को खतरा  बढ रहा है। राज्य सरकार ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझकर तत्काल कदम उठाने का निर्णय लिया है। एनडीआरएफ के दल को जल्दी से जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए भेजा गया है। वहीं नैनीताल के जंगलों में भीषण आग लगने के बारे में सुनकर चिंता बढ़ी है।

 

लेकिन राज्य सरकार के प्रयासों से यह उम्मीद की जा सकती है कि आग को जल्दी से नियंत्रित किया जाएगा। वन विभाग के साथ ही वायुसेना की मदद भी आग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आग पर काबू पाने के लिए किए जा रहे प्रयास सफल साबित होंगे ।

और जंगल, जीवन, और संपत्ति को किसी भी नुकसान से बचाया जा सकेगा। लोगों को सतर्क और सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए।  हम सभी मिलकर इस संकट को परिस्थितिगत बना सकें।वहीं आग पर काबू पाने के लिए वायुसेना ने मदद  ली गई है। वायुसेना ने अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए आग पर काबू पाया था. डीएफओ नैनीताल चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ के जवानों को भवाली के महेश खान और मनोरा रेंज में लगाया गया है।

 

जो आग के दृष्टि से काफी संवेदनशील क्षेत्र है। एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर गदरपुर से एनडीआरएफ की एक टुकड़ी आग बुझाने के लिए पहुंची है. उन्होंने बताया कि किन-किन जगहों पर आग लगी है, इसका उन लोगों ने सर्वे कर लिया है. आग को बुझाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. वहीं, आवश्यकता पड़ने पर एनडीआरएफ के और जवानों को लगाया जाएगा.

 

 

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Author: uttarakhandtime