जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन के साथ काम, सड़क हादसों पर मजिस्ट्रीयल जांच के बिना मिलेगी राहत राशि

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सड़क सुरक्षा एवं अनुश्रवण समिति की बैठक ली। जिसमें उन्होंने परिवहन, लोक निर्माण, वित्त एवं सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को उत्तराखण्ड को जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी है।

सीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि संबंधित अधिकारी तत्काल विभिन्न थाना चौकियों में बन्द वाहनों को प्रत्येक जनपद में शहर के नजदीक स्थान चिन्हित करते हुए एक साथ रखने की व्यवस्था करें। उन्होंने जिलाधिकारियों को जनपदों में इस सम्बन्ध में भूमि चिन्हीकरण, हस्तान्तरण के निर्देश दिए।

सीएस ने लोक निर्माण विभाग को प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट करवाने, परिवहन विभाग को ऑनलाइन चालान व्यवस्था मजबूत करने, शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम में सड़क दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में जागरूकता को शामिल करने, गुड समेरिटन योजना को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राहत राशि की हकदारी के लिए अब मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है। जिलाधिकारियों को दुर्घटना राहत निधि के लिए 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित है। उन्होंने अधिकारियों को क्रैश बैरियर की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी ऑडिट के भी कड़े निर्देश दिए।

राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को अन्य देशों में क्रैश बैरियर के स्थान अन्य आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी व बेस्ट प्रैक्टिसिज का अध्ययन कर राज्य में लागू करने एवं निर्धारित डेडलाइन पर अधिक दुर्घटना वाले स्थानों की मैपिंग कर स्पीड ब्रेकर, क्रैश बैरियर के एक्शन प्लान पर कार्य करने के निर्देश दिए।

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Author: uttarakhandtime