उत्तराखंड सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में आयुर्वेद डॉक्टर के रूप में पंजीकृत आयुर्वेद डिप्लोमाधारियों का पंजीकरण रद्द करने के आदेश कर दिए हैं। ऐसे में अब वह मरीजों का इलाज नहीं कर पाएंगे।उत्तराखंड सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में आयुर्वेद डॉक्टर के रूप में पंजीकृत आयुर्वेद डिप्लोमाधारियों का पंजीकरण रद्द करने के आदेश कर दिए हैं। सरकार के इस फैसले से राज्य में डॉक्टर के रूप में पंजीकृत करीब 500 डिप्लोमाधारियों का रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा।रजिस्ट्रेशन कैंसिल होन के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं कर सकेंगे। दरअसल, भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड ने पिछले कुछ सालों में ऐसे आयुर्वेद के डिप्लोमाधारियों को डॉक्टर के रूप में पंजीकृत कर दिया था। जिन्होंने यूपी सहित देश के विभिन्न राज्यों के बिना मान्यता प्राप्त कॉलेजों से कोर्स किया है। यूपी के समय के कुछ डिप्लोमाधारियों को आधार बनाकर सरकार के एक पुराने शासनादेश के तहत ऐसा किया गया। कई डॉक्टर इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।
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