नैनीताल जिले में शिक्षकों को नए काम का निर्देश दिया गया है, जिसके अनुसार वे ट्रैफिक व्यवस्था को संभालेंगे। यह फैसला पुलिसकर्मियों की कमी और पर्यटकों के बढ़ते दबाव के कारण लिया गया है। इस निर्देश का विरोध राजकीय शिक्षक संघ से आया है। अधिकारियों की तरह, शिक्षकों की भी अपनी सोच है और उन्हें इस निर्देश को लेकर अधिक जानकारी देने का मौका मिलना चाहिए। डीईओ बेसिक की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक पांच शिक्षकों को नैनीताल जिले में ट्रैफिक जाम के निराकरण के लिए नामित किया है।
ये शिक्षक सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे। इनमें सहायक अध्यापक एलटी दान सिंह बिष्ट, आशीष साह, महिपाल चंद्र, वरिष्ठ सहायक जगदीश सिंह नेगी, कनिष्ठ सहायक अंकित चंद्र शामिल हैं। शुक्रवार को एलटी शिक्षकों व वरिष्ठ सहायकों ने यातायात व्यवस्था संभालने में पुलिस की मदद की। एलटी शिक्षक आशीष साह ने बताया कि शुक्रवार को उनकी ड्यूटी रूसी बाइपास में लगी थी।पर्यटन सीजन में नैनीताल की यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है।
यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए बीते दिनों डीएम वंदना सिंह ने अधिकारियों की ड्यूटी एंट्री प्वाइंटों पर लगाई थी। डीईओ (माध्यमिक) पुष्कर लाल टम्टा ने रूसी बायपास पर ड्यूटी की। डीईओ माध्यमिक पुष्कर टम्टा ने बताया कि डीएम के निर्देश पर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। शिक्षकों की यातायात पुलिस में ड्यूटी कतई स्वीकार्य नहीं है। इससे एक गलत परिपाटी और गलत संदेश लोगों के बीच में जाता है। अध्यापकों से सिर्फ अध्यापन का कार्य कराया जाना चाहिए। अन्य जगहों पर शिक्षकों की ड्यटी लगाने के फैसले की हम निंदा करते हैं। ड्यूटी में लगे शिक्षकों को इस संबंध में कोई शिकायत या परेशानी है, तो तत्काल जनपद कार्यकारिणी को तत्काल सूचित करे ।