देहरादून- नाबालिक लडकी के अपहरण के प्रयास की जड़ ढूंढने के लिए दून पुलिस बीती रात सोमवार को पुलिस दौड़ती रही वह छात्रा की ओर से गढ़ी गई कहानी थी। छात्रा 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली अपने नए स्कूल से खुश नहीं थी। उसने नए स्कूल से पिछा छुड़ाने के लिए अपने अपहरण की झूठी कहानी बना दी। पुलिस ने जब तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले और उन्हें कुछ भी नहीं मिला तो आशंका हुई कि कहीं यह सब झूठ तो नहीं। जब पुलिस ने छात्रा की काउंसलिंग की तो उसने खुद ही बता दिया कि उसने यह सब क्यों किया। सोमवार रात को कंट्रोल के माध्यम से कोतवाली पटेलनगर को चमन विहार कालोनी में एक किशोरी के अपहरण का प्रयास किए जाने की सूचना प्राप्त हुई।
सूचना पर तत्काल क्षेत्राधिकारी सदर तथा प्रभारी निरीक्षक पटेलनगर पुलिस बल के मौके पर पहुंचे, घटना के संबंध में किशोरी से जानकारी करने पर उसने बताया गया कि शाम करीब 07 बजे ट्यूशन से घर आते समय कार सवार 02 व्यक्तियों ने उसे खींचकर मुहं पर कपड़ा डाला और जबरदस्ती अपनी कार में बैठा लिया। उसने बताया कि कुछ दूरी पर युवक सिगरेट खरीदने के लिए उतरे तो वह मौका देखकर किसी तरह कार से बाहर निकलकर भागने में सफल रही। वहीं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई। प्रारंभिक जांच में अपहरण की घटना से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिला।
प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस टीम ने किशोरी के बताए अनुसार घटनास्थल व अन्य मार्गों के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। किंतु किसी भी सीसीटीवी फुटेज में ऐसी किसी घटना का होना नही पाया गया। पुलिस ने किशोरी की काउंसलिंग की तो उसने बताया कि वह पूर्व में ओलंपस हाई स्कूल में पढ़ती थी, लेकिन इस वर्ष उसके परिजनों ने उसका दाखिला मांउट लिटेरा जी स्कूल में करा दिया। बीते दिन सोमवार को वह पहली बार इस स्कूल में गई थी, लेकिन कोई नया मित्र न होने के कारण उसका स्कूल में मन नही लगा ।
वह अपने पुराने स्कूल में दोबारा दाखिले के लिए। अपने परिजनों को स्कूल के पास ट्यूशन से आते समय दो व्यक्तियों की ओर से उसका अपहरण करने तथा मौका पाकर भाग जाने की झूठी सूचना दे दी। छात्रा की इस कहानी को सुनकर पुलिस अधिकारियों ने अपना माथा पीट लिया। फिलहाल इस दिशा में कोई अन्य कार्रवाई नहीं की गई है।