टिहरी लोकसभा से निर्दलीय उम्मीदवार बॉबी पंवार सभी राजनीतिक दलों पर भारी।

देहरादून- 18 वीं लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तराखण्ड़ में इस बार चुनाव के परिणाम चौकाने वाले होगें। हरिद्वार, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल सीट से कांग्रेस भाजपा आमने सामने होगी,तो वहीं टिहरी लोकसभा से आंदोलनकारी बेरोजगार युवाओं नें बॅाबी पंवार को अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है । जो परम्परागंत राजनीतिक दलों के लिए गले की फांस बन चुकी है ।उत्तखंराण्ड़ राज्य में पिछले 20 वर्षो से भष्टाचार और सरकारी नौकरीयों में धांधली की शिकायते आ रही थी, कोरोना काल के बाद शिक्षित बेरोजगार बॅाबी पंवार ने इस समस्या का चेहरा सबके सामने ला दिया है। चार वर्षों से उत्तराखण्ड़ के युवा बेरोजगारो ने बॅाबी पंवार  के नेतृत्व में पूरे राज्य में आंदोलन खड़ा कर दिया है। इनकी मांग है कि सरकारी नौकरीयों में पारर्दशिता आये और राज्य को भष्ट्राचार से मुक्त किया जाये

जब बॅाबी पंवार ने विभिन्न सरकारी नौकरीयों में हो रही धांधली का मामला उजागर किया तब से उन्हे कई बार पुलिस की प्रताड़ताना झेलनी पड़ी है। राज्य के युवाओं ने राजधानी से लेकर राज्य के अलग अलग जगहों पर आंदोलन शुरू कर दिया है। सरकारी कामकाज में जब भष्ट्राचारीयों के नकाब खुलने लगे तो बॅाबी पंवार सहित दर्जनों युवाओ पर कानून की अलग अलग धारोओं के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

बॅाबी पंवार को जेल में ठूंस दिया गया और जेल में उन्हे कानून के रखवालों ने बहुत यातनायें भी दी है । एक तरफ आंदोलनरत युवा सड़कों पर है तो दूसरी तरफ राजनीतिक संगठनों के भारी भरकम खर्चीले हथीयार चुनाव मैदाम में दिखने लग गये है। दिलचस्प यह है कि युवा बेरोजगारों की मांग और भष्ट्राचार को खत्म करने के लिए सभांवित उम्मीदवारो के पास समाज को बताने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।

जब भाजपा कांग्रेस और अन्य दलों की अंदरूनी लडाई मौजूदा लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सामने आयी तो आंदोलनरत युवाओ ने ऐलान कर दिया कि उन्होने भी टिहरी लोकसभा से बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॅाबी पंवार को अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान मे उतार दिया है। इस ऐलान के बाद पूरे यमुनाघाटी में राजनीति दृश्यि ही बदल गया।

 

एक तरफ खांटी और परम्पराग राजनीतिक संगठन है तो दूसरी तरफ बेरोजगार युवाओ का हूजूम है। अब देखना यह होगा कि लोकसभा के इस चुनाव में किसकी जीत होगी, यह तो समय के गर्त में है। मगर बेरोजगार युवाओं ने अपना उम्मीदवार मैदान में उत्तारा है जिससे राजनीतिक संगठनों की नींद उड़ चुकी है।

कुल मिलाकर चुनाव परिणाम जो भी आये परन्तु बेरोजगार युवाओं में रानीतिक दलों को आईना बताने का यह सफल प्रयास किया है जो आने वाला दिनों में स्वस्थ लोकतात्रिंक व्यवस्था में सफल उदाहरण बनकर सामने आयेगा।

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Author: uttarakhandtime