जंगलों में लगी आग से वन संपदा को हो रहा नुकसान वन विभाग कर रहे ग्रामीणों से अपील ।

जंगल में आग लगना एक गंभीर समस्या है। जो न केवल जीवन और संपत्ति को खतरे में डालता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हो सकता है। सूचना से प्रकट हो रहा है कि सावधानी और समुदाय की सहयोग की आवश्यकता है। वन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ सहयोग करके ऐसे घटनाओं को रोका जा सकता है और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। जंगलों में पिरूल गिरने से जंगल में आग लगने की घटनाएं फिर सामने आने लगी है। बेतालघाट ब्लॉक के मल्लाकोट धनियाकोट के जंगल में  बीते दिन बृहस्पतिवार की शाम आग लग गई। आग हवाओं के साथ आबादी क्षेत्र तक पहुंच गई।

आग को आबादी क्षेत्र में बढ़ता देख ग्रामीणों ने वन विभाग, फायर ब्रिगेड और पुलिस प्रशासन को सूचना दी। क्षेत्र के कृपाल सिंह ने बताया कि आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम जंगल में लगी आग को बुझाने में लगी रही। कहा कि आबादी में पहुंचने से पहले आग को बुझा लिया गया। जंगल में लगी आग नहीं बुझ पाई थी। वहीं, जंगल व सड़कों पर एक बार फिर पिरूल गिरने से वनाग्नि का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में वन विभाग की ओर से ग्रामीणों के साथ बैठकर जंगलों को बचाने में सहयोग करने की अपील की जा रही है।

वन विभाग ने बुधवार रात तराई पूर्वी वन प्रभाग के रेशमबाग बीट के तहत गौला रौखड़ ब्लॉक में वनाग्नि पर काबू पाया। वन संरक्षक डॉ. विनय भार्गव ने बताया कि ग्रामीणों ने रात्रि में जंगल में आग लगने की सूचना दी थी। इस पर टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। बृहस्पतिवार को रामनगर, हल्द्वानी और नैनीताल वन प्रभाग में कहीं से भी वनाग्नि की सूचना नहीं है। हल्द्वानी मार्ग के नैनागांव से लगे जंगल में बुधवार देर रात आग लग गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया।

बुधवार की देर रात्रि नैना गांव के समीप सड़क से नीचे आग लग गई। जंगल में आग फैलने पर वाहन चालकों ने दमकल विभाग को सूचित किया। सूचना के बाद देर रात्रि मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। एफएसओ किशोर जोशी ने बताया कि फायर फाइटर्स व वन कर्मियों के सहयोग से आग पर काबू पाया गया।

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Author: uttarakhandtime