अब टाटा ट्रस्ट रोकेगा गांवों से पलायन युवाओं को देगा कौशल विकास प्रशिक्षण

टाटा ट्रस्ट उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों खासकर सीमांत इलाकों से पलायन रोकने के लिए काम करेगा। साथ ही युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने, हेल्थ केयर सेक्टर, ग्रामीण आजीविका समेत कई क्षेत्रों में कार्य करेगा। यह जानकारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने टाटा ट्रस्ट के साथ सोमवार को हुई एक बैठक के सिलसिले में दी।

मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद के हेल्थ एनालिसिस की बात कही गई जिसके तहत प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं, बुनियादी चिकित्सा ढांचे, स्टाफ, प्रशिक्षण आदि की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। बैठक में टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य में हेल्थ रिकॉर्ड की डिजिटलाइजेशन में सहयोग पर सहमति दी गई।

 

मुख्य सचिव ने टाटा ट्रस्ट से राज्य के दूरस्थ स्थानों की आबादी को आधुनिकतम स्वास्थ्य सुविधाएं देने व प्राइमरी व सेकेंडरी हेल्थ केयर सेवाओं की मजबूती के लिए कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने महिलाओं व बच्चों को कुपोषण व एनीमिया से बचाने, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा को मजबूत कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और ग्रामीण क्षेत्रों खासकर सीमांत गांवों से पलायन रोकने के लिए ग्रामीण आजीविका की कार्ययोजना पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से कहा कि टाटा ट्रस्ट से कौन-कौन से क्षेत्रों में सहायता ली जा सकती हैं, इसकी रिपोर्ट अगली बैठक तक तैयार रखी जाए।

 

बैठक के दौरान टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य के 13 जिलों की कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाली 13 टॉपर बालिकाओं को आर्थिक अनुदान की कार्ययोजना की बात कही गई।मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, एसडीजी इंडेक्स 2023-24 में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर है | इस स्थिति को बनाए रखने के लिए, राज्य सरकार का लक्ष्य सभी हितधारकों के साथ सहयोग करना है, जिससे समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, टाटा ट्रस्ट के सीईओ श्री सिद्धार्थ शर्मा सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं टाटा ट्रस्ट की टीम मौजूद रही।

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Author: uttarakhandtime