बॉबी-मीनाक्षी विवाद- रीसायटिक व सचिवालय संघ का विरोध तनातनी गरीबी से

निवेशकों के नेता बॉबी निबंध और श्रीकांत सुंदरम विवाद गहरा होता नजर आने लगा है।
यूपी सीएल के एमडी अनिल यादव की सेवा विस्तार के आदेश से यूपीजी शिंगारी ने कई धार्मिक और सोशल मीडिया को अपने साथ शामिल कर लिया है।बॉबी-मीनाक्षी विवाद के बाद सोशल मीडिया पर खाड के भी खडड़े खोदे जा रहे हैं। कुछ अभिलेख अधिकारी एवं अभिलेखों को लेकर सोशल मीडिया में अभिलेखों की पोस्ट जारी है। यह अभी भी और तेजी से पकड़ेगा।मुक़दमा दर्ज होने के बाद बॉबी क्रैन्से ने स्टैप टॉवल में कार्रवाई को चुनौती देते हुए दिखाया। साथ ही दोगुने जोश के खिलाफ भ्रष्टाचार के अधिकारियों ने हमला शुरू कर दिया है। बॉबी की इस दोस्ती का समर्थन लोगों और सहयोगियों को भी मिल रहा है।
इस मामले में पूरे कांग्रेस के बड़े नेताओं की सीधी कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है। उम्मीद है कि शुक्रवार को कांग्रेस इस गर्म मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करेगी। पार्टी के अध्यक्ष ममता राकेश के ऊर्जा सचिव सुंदरम के पक्ष ने प्रदेश कांग्रेस को पत्र लिखकर कोई निर्णय नहीं लिया। कांग्रेस का रुख साफ नहीं होने से भी पार्टी कार्यकर्ता असमंजस में दिख रहे हैं। पार्टी इस मुद्दे को अभी तक कैश न कर राजनीतिक नुकसान झेलने को मजबूर है।बीते गुरुवार को रिलायंस एसोसिएशन व सचिवालय संघ ने सीएम से लेकर मुख्य सचिव तक अपना विरोध दर्ज कराया। यूपीसीएल में भी बॉबी बिल्डर्स के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। स्कूल में एक्जेक्यूटिव की भी खूब गूंज रही।बॉबी से पूछताछ और संभावित अपराधियों को लेकर सरगर्मी जोरों पर है। बॉबी की गिरफ़्तारी के बाद जारी तनातनी और ज़ोर पकड़ी।इधर, यूपी सीएल के एमडी अनिल यादव के सेवा विस्तार का आदेश सरकारी स्तर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। चतुर्थ का कहना है कि यदि सेवा विस्तार का आदेश छुपने के बजाय विक्रय कर दिया जाता है तो स्थापत्य के समय यह नया राजनीतिक-सामाजिक ताना खड़ा नहीं होता। इस मसले पर बॉबी पवार की टीम जनभावनाओं ने पूरी तरह से हमला कर दिया है।

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Author: uttarakhandtime

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