पुलिस आने वाले कुछ समय बाद डाटा बेस को सुरक्षित रखने के लिए किसी और एजेंसी पर निर्भर नहीं रहेगी। पुलिस के पास अपना डाटा सेंटर होगा। इसकी सुरक्षा के लिए पुलिस को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह सब व्यवस्थाएं पुलिस के साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में की जाएंगी।30 करोड़ रुपये से अधिक की लागत में बनने वाले इस सेंटर में पुलिस कर्मचारियों को डार्क वेब के रहस्य सुलझाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
साथ ही पुलिस का रिसर्च एंड डवलपमेंट (आरएंडडी) विंग भी इस सेंटर में होगा। इसके लिए पुलिस ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। दरअसल, साइबर सुरक्षा इस वक्त बड़ा मुद्दा है। हाल ही में प्रदेश के डाटा सेंटर पर हुए हमले में सबसे अधिक पुलिस का सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ था। इसमें कुछ डाटा भी चोरी कर लिया गया था।पुलिस अपने महत्वपूर्ण डाटा को लेकर दूसरी एजेंसी पर ही निर्भर है.