प्रदेश मे अभी तक आयुष्मान योजना के तहत 30 लाख लाभार्थी मुफ्त इलाज से वंचित हैं। पांच साल बाद भी शत प्रतिशत लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है। बिना आयुष्मान कार्ड के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं है।
लाखों परिवार ऐसे लाभार्थी हैं, जिनके पास राशन कार्ड न होने के कारण योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2018 में प्रदेश के सभी 23 लाख से अधिक राशन कार्डधारकों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज देने के लिए आयुष्मान योजना शुरू की थी। योजना के तहत लगभग 82 लाख लाभार्थियों के कार्ड बनाए जाने हैं, लेकिन अभी तक 52 लाख लाभार्थियों के कार्ड बने हैं।
राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत कर्मियों के कार्ड मिलाकर अब तक 56 लाख से अधिक कार्ड बन चुके हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड होना अनिवार्य है, लेकिन कई ऐसे परिवार हैं, उनके पास राशनकार्ड नहीं है। ऐसे परिवारों के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को आधार कार्ड या अन्य विकल्प पर विचार करने के निर्देश दिए थे। इस पर भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
आयुष्मान कार्ड-52 लाख
उपचारित मरीज-11.69 लाख
इलाज पर खर्च राशि-2342 करोड़
हर लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयास कर रहा है। इसके लिए सभी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से शिविर भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन पात्र लाभार्थी पर कार्ड बनाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।