अब रामनगर से चारधाम यात्रा शुरू करने की संभावना की तलाश जल्द सर्वे की रिपोर्ट तैयार ।

चारधाम यात्रा को रामनगर से शुरू करने का विचार बहुत ही अच्छा है। इससे यात्रा के लिए एक नया और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध हो सकता है। यह रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर सकता है। लेकिन ध्यान देने योग्य है कि यह प्रस्ताव भविष्य में आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों का भी मूल्यांकन करेगा। इस परियोजना के लिए सुरक्षा, पर्यावरणीय प्रभाव और स्थानीय समुदाय के हितों को महत्वपूर्ण मानना चाहिए। अन्य विकल्पों के साथ इस प्रस्ताव की तुलना करके सरकार को समझदारी से योजना को अंजाम देने के लिए निर्णय लेना चाहिए। जिससे कुमाऊं के नैनीताल जिले के रामनगर से चारधाम यात्रा शुरू करने की संभावना तलाशी जा रही है। इसके लिए नैनीताल जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने प्रारंभिक सर्वे का काम करने के साथ ही रिपोर्ट तैयार कर ली है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में यात्रा में भीड़ के दबाव से निपटने के लिए अन्य विकल्पों को भी देखा जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रामनगर से चारधाम यात्रा की संभावना को तलाशने के निर्देश कुछ महीने पहले जिला प्रशासन को दिए थे। इसके बाद नैनीताल डीएम के निर्देश पर प्रशासन और परिवहन विभाग की टीम ने रामनगर से कर्णप्रयाग तक का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर ली है।

रामनगर से मोहान मोलेखाल-भिकियासैण, चौखुटिया-गैरसैण और कर्णप्रयाग होते हुए चारधाम यात्रा की जा सकती है। पहले भी लोग इस मार्ग से जाते रहते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, मार्ग सिंगल लेन है। इसमें ज्यादा वाहनों का संचालन खतरनाक होगा। एक दिन में 150 तक बसें और 300 तक छोटे वाहनों को चलाया जा सकता है। यह यात्रा रामनगर की सिंचाई विभाग और डिग्री कालेज की भूमि से शुरू किया जा सकता है। यहां पर वाहनों को खड़ा किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, यात्रा शुरू करने से पहले कई सुविधाओं को जुटाना होगा।

यात्री इस मार्ग में रुकना चाहता है तो उसके रुकने की व्यवस्था बनानी होगी। मार्ग पर धर्मशालाओं, होटलों व शौचालयों आदि की कमी है। मार्ग में श्रद्धालुओं के भोजन आदि की व्यवस्था के साथ वाहनों को ठीक करने के लिए गैराज आदि की भी व्यवस्था करनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा मार्ग पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए रामनगर वाले रोड का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें चारधाम यात्रा से वापस लौट रहे दिल्ली, यूपी वाले वाहनों को निकाला जा सकता है। कर्णप्रयाग से करीब पांच घंटे में श्रद्धालु वाहन से रामनगर पहुंच सकते हैं। इसके बाद दिल्ली के लिए जा सकते हैं।

इस व्यवस्था को शुरू करने में ज्यादा समस्या नहीं है। कुमाऊं से चारधाम यात्रा के लिए अधिक संख्या में लोग जाते हैं तो इससे रूट वाले इलाकों में रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ सकेंगी। इस रूट पर आदि बद्री भी है।

जहां पर लोग दर्शन भी कर सकेंगे। सीएम के निर्देश पर रामनगर से चारधाम यात्रा और कैंची धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वैकल्पिक मार्ग पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक सुविधाएं, पंजीकरण केंद्र, शौचालय, पार्किंग स्थल आदि का पर होमवर्क किया जा रहा है। सड़क मार्ग की स्थिति के सुधारीकरण पर भी प्रस्ताव तैयार हो रहा है। लगभग तीन संभावित मार्गों का परीक्षण चल रहा है। सभी पहलुओं पर विचार कर इसका अंतिम निर्णय शासन स्तर से लिया जाएगा। 

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Author: uttarakhandtime