हाईकोर्ट ने पूर्व में पारित आदेशों का पालन नहीं करने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त कर क्षेत्र में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था करने के आदेश का खासतौर से पालन न होने पर यह याचिका दायर की गई है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि हाई कोर्ट में 2023 में दायर एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया था। इसमें राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने की मांग की थी। इस मामले में पूर्व में दायर जनहित याचिका में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार ने कई क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था कर दी है। अन्य क्षेत्रों में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार प्रयास की बात बताई थी। याचिका में कहा था कि वर्ष 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने नवीन चंद्र बनाम राज्य सरकार केस में इस व्यवस्था को समाप्त करने की आवश्यकता समझी गई थी ।उसमें कहा था कि राजस्व पुलिस को सिविल पुलिस की भर्ती ट्रेनिंग नहीं दी जाती। यही नहीं राजस्व पुलिस के पास आधुनिक साधन, कंप्यूटर ,डीएनए, और रक्त परीक्षण, फोरेंसिक जांच, फिंगरप्रिंट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है। इन सुविधाओं के अभाव में अपराध की समीक्षा करने में परेशानियां होती है । कोर्ट ने यह भी कहा था कि राज्य में एक समान कानून व्यवस्था हो, जो नागरिकों को मिलना चाहिए हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में सरकार को 2018 में कई दिशा निर्देश दिए थे। लेकिन उस आदेश का पालन सरकार ने नहीं किया।
