रुद्रप्रयाग – उत्तराखंड में बारिश ने तबाही मचा दी है। बुधवार देर रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर बह रही है। सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने गौरीकुंड और सोनप्रयाग में होटल और लॉज के साथ ही बाजार को खाली करवा दिया है। तप्तकुंड और केदारनाथ पैदल मार्ग को करीब 25 मीटर हिस्सा बह गया है।
साथ ही तटवर्ती इलाकों को भी खाली कराया जा रहा है। वहीं टिहरी जिले के घनसाली में ग्राम पंचायत जखन्याली के नौताड़ तोक में बादल फटने से दंपती की मौत हो गई है, जबकि उनका बेटा मलबे में घायल अवस्था में मिल गया है। रुद्रप्रयाग एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली में तेज बारिश से बादल फटा है, जिससे मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सुरक्षा को देखते हुए करीब 200 यात्रियों को भीमबली जीएमवीएन में रोका गया है। मौके पर बचाव दल तैनात किया गया है।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे अधिकांश जगहों पर भूस्खलन होने से अति संवेदनशील हो गया है। बीते एक माह से आए दिन हाईवे अलग-अलग स्थानों पर बाधित हो रहा है।
76 किमी लंबे हाईवे पर भटवाड़ीसैंण में पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। गंगतल, सिल्ली, गिवांला गांव, बांसवाड़ा, कांकड़ागाड़, सेमी-भैंसारी, नारायणकोटी, मैखंडा, डोलिया मंदिर के पास हाईवे भूस्खलन व भू-धंसाव के कारण संवेदनशील बना है। यहां हाईवे पर एक ओर कई जगहों पर चट्टानें लटकी हैं तो दूसरी ओर गहरी खाई के साथ मंदाकिनी नदी बह रही है। इन दिनों केदारघाटी में हो रही बारिश से डोलिया मंदिर के पास आए दिन भूस्खलन से यातायात बंद हो रहा है।
जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा, गणेश तिवारी, बबीता देवी आदि ने कहा कि डोलिया मंदिर भूस्खलन जोन से खाट गांव को भी खतरा बना हुआ है। यहां गोशालाएं और खेत भूस्खलन व भू-धंसाव से नष्ट हो चुके हैं। वहीं एनएच निर्माण खंड लोनिवि के ईई निर्भय सिंह का कहना है कि ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत हाईवे चौड़ीकरण के तहत संवेदनशील स्थानों की मरम्मत की जाएगी। डोलिया मंदिर के समीप और तलसारी में भूस्खलन जोन की स्थायी मरम्मत का प्रस्ताव तैयार किया गया है।