जनपद उत्तरकाशी के सीमांत गांव नेलांग जादुंग में हर वर्ष की भांति इस बार भोटिया जाट समुदाय के ग्रामीणों ने डोल दमाऊ देव डोली रिंगाली देवी के साथ अपने पैतृक गांव नेलांग जादुंग में पूजा अर्चना कर रसो तांदी लगा कर खूब थिरके ग्रामीण महिलाएं । यह एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है| आपको बता दें 1962 के भारत- चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया सीमा से सटे नेलांग जादुंग गांव को भारत सरकार द्वारा वाइब्रेट विलेज के अतर्गत इन सीमा पर खाली पड़े गांव को बसाने पर काम चल रहा है ।
जिसमें अभी तक मोबाइल फोन की घंटी बज रही है । कुछ होम स्टे पर कम चल रहा है । सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण उत्तरकाशी की सीमा से सटे नेलांग गांव, जादूंग सहित अन्य चौकियां हैं,जहां आर्मी और आईटीबीपी के जवान देश की सीमा की रक्षा के लिए तैनात रहते हैं। 1962 में जब ये गांव खाली कराए गए थे तो ये लोग बगोड़ी ,डुंडा में निवास करते है।
सरिता रावत ग्राम बगोरी ने बताया कि हम सब ग्राम वासी अपनी देव डोलियों के साथ अपने पैतृक गांव नेलांग जादुंग में दो जून को हर वर्ष पूजा अर्चना की जाती है । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा से लगे गांव को बसाने के लिए वाइब्रेट विलेज योजना के तहत काम किया जा रहा है । और देश के जवानों का आभार व्यक्त करते है जिन्होंने इस जगह पर देवता का स्थान बनाया और यहां पर नाच गाने का प्रांगण तैयार किया।
इन्द्र सिंह नेगी ग्रामीण ने बताया कि 9162 के बाद हम लोग अपने पैतृक गांव नेलांग जादुंग में आकर पूजा अर्चना करते है । सीमा पर होने से हम लोग साल में एक ही बार आ पाते है । सरकार द्वारा वाइब्रेट विलेज योजना के तहत सीमा से लगे गांव को एक बार फिर से बसाने जा रहा है हम सरकार के आभारी रहेंगे ।
