रानीखेत। इन दिनों उत्तराखंड के पहाडी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या काफी बढ़ गई है। लाखों रुपए की लागत से तैयार शेर विद्यापीठ पंपिंग योजना की। जिससे ग्रामीण परेशान हो चुके हैं। लगभग 5000 की आबादी वाले 16 गांवों में इन दिनों पेयजल की किल्लत बनी हुई है।
नौ दिनों से जब पेयजल की व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई तो ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और खुडोली, इड़ा, पजीना सहित दर्जनों गांवों के ग्रामीण जल संस्थान के खिलाफ संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय रानीखेत पहुंचे। संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत राहुल आनन्द ने जल संस्थान और विद्युत विभाग के अधिकारियों को तुरंत तलब कर ग्रामीणों के साथ एक बैठक की और समस्या का समाधान करने के सख्त निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों में तीन दिन तक पानी नहीं आता है तो टैंकर से स्थानीय ग्रामीणों को पेयजल व्यवस्था करना जल संस्थान की जिम्मेदारी है। वहीं शेर विकास संघर्ष समिति के देवेन्द्र सिंह फर्त्याल ने कहा कि नौ दिनों से ग्रामीण पानी से समस्या से जूझ रहे हैं । जिसके लिए जल संस्थान के अधिकारियों से बात की।
लेकिन कोई समाधान नहीं निकला । आज समस्या को लेकर सभी ग्रामीण संयुक्त मजिस्ट्रेट के पास आए थे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि अगर जल्दी ही समस्या का समाधान नहीं किया गया तो सभी ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
								
								
													


