रुद्रपुर में स्थानीय निर्माण विभाग की जमीन पर दशकों से अवैध कब्जे में रहने वाले 46 परिवारों के खिलाफ एक बुलडोज़र अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई में 46 भवनों में से 39 को संकेत के साथ ही भागीदारी से तोड़ा गया। यह अभियान लगभग तीन घंटे चला, लेकिन भाजपा विधायक और पुलिस प्रशासन की हस्तक्षेप से इसे रोक दिया गया। नाराज विधायक ने वापस गांव जाकर बुलडोज़रों को रोका और अधिकारियों की आलोचना की।
यह घटना काशीपुर हाईवे के निकट भगवानपुर कोलड़िया गांव में हुई, जहां 46 परिवारों का आरोप था कि वे सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए थे, जिसके अनुसार स्थानीय प्रशासन और कार्यकारी अभियंताओं को अतिक्रमण हटाने का आदेश था।
प्रदर्शनकारियों के विरोध के बावजूद, पुलिस ने इस अभियान को सुचारू रूप से संचालित किया। हालात बिगड़ने पर बुलडोज़र ऑपरेटर पर पत्थर फेंके गए, जिससे पुलिस को हस्तक्षेप और बाद में गिरफ्तारियाँ करनी पड़ी।
इसके अलावा, पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया, जिससे स्थानीय लोगों में और भी प्रदर्शन हुआ, जिसमें महिलाएं भी पुलिस अधिकारियों से टकराईं। अभियान के दौरान अभियार्थियों पर पुलिस की जानलेवा कार्रवाई के आरोप उठे।
यह विधायक और पुलिस के बीच बढ़ती टक्करों ने सामाजिक और न्यायिक समीकरण में भी कई सवाल उठाए हैं, जिसमें भूमि विवादों और मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठा है।