देहरादून- होली के त्योहार को लेकर दून से चलने वाली ट्रेनों में मारामारी की स्थिति बनी हुई है। वही बात रहे जनरल कोच की हालत बुरी है जबकि आरक्षित श्रेणियों में भी लोगों को सीट नहीं मिल पा रही है। लोगों को त्योहार पर जाने के लिए बस या फिर अन्य संसाधनों का प्रयोग करना पड़ रहा है। यात्रा के लिए सबसे सुगम, सस्ता और आरामदायक रेलवे से बेहतर कुछ नहीं है। लंबी यात्रा लोग ट्रेन के माध्यम से ही लोगों के पसंद आता हैं। अब होली का त्योहार तीन दिन बाद है। ऐसे में दूरस्थ शहरों में काम करने वाले लोग त्योहार पर अपने घर जाना चाहते है।
लेकिन ट्रेन ही फुल हो गई। देहरादून से चलने वाली उपासना एक्सप्रेस हो या फिर हावड़ा एक्सप्रेस, वंदे भारत, शताब्दी सहित अन्य सभी ट्रेनों में सीट नहीं बची है। 23,24 व 25 मार्च को देहरादून से जाने वाली सभी ट्रेनों की सीट फुल हैं। वेटिंग 100 से ऊपर तक है।वही 27 मार्च से लेकर एक अप्रैल तक आने वाली ट्रेनों में भी यात्रा करने के लिए जगह नहीं बची है।
ट्रेनों में जनरल डिब्बे भी फुल भरे हैं। इन डिब्बों में तो सीट नहीं होने के कारण लोग फर्श पर सफर करने के लिए मजबूर हैं। रेलवे द्वारा आरक्षित श्रेणी की कई ट्रेनों में एक-एक कोच की बढ़ोतरी की गई है। परिवहन निगम ने होली के त्योहार के मद्दे नजर रखते हुए बसों के फेरे बढ़ाने की व्यवस्था की है, जिसे यात्रियों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।
अधिकारियों के मुताबिक डिपो में 15 से 20 प्रतिशत तक बसों के फेरों में बढ़ोतरी की जाएगी। फिलहाल परिवहन निगम के मंडलीय बेड़े में 350 बसें हैं, इसके अलावा करीब 275 बसें अनुबंधित हैं। त्योहारी सीजन में जहां एक ओर यात्रियों की संख्या बढ़ जाने से मारामारी रहती है। वहीं जो खटारा बसें हैं, उनमें यात्रियों की संख्या बढ़ने से ओवरलोड होने पर बसों के बीच रास्ते में खराब होने का डर बना रहता है। ऐसे में होली के त्योहार पर यात्रियों की समस्याओं को दूर करना परिवहन निगम के लिए चुनौती बना है।